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Lyrics
सावन का महीना
पवन करे सोर
जियरा रे झूमे ऐसे
जैसे बनमा नाचे मोर
सावन का महीना
पवन करे सोर
जियरा रे झूमे ऐसे
जैसे बनमा नाचे मोर

राम गजब ढाए
ये पुरवइया
नइया सम्भालो कित
खोए हो खिवइया
राम गजब ढाए
ये पुरवइया
नइया सम्भालो कित
खोए हो खिवइया
पुरवइया के आगे
चले ना कोई ज़ोर
जियरा रे झूमे ऐसे
जैसे बनमा नाचे मोर

मौजवा करे क्या जाने
हमको इशारा
जाना कहाँ है पूछे
नदिया की धारा
मौजवा करे क्या जाने
हमको इशारा
जाना कहाँ है पूछे
नदिया की धारा
मरज़ी है तुम्हारी
ले जाओ जिस ओर
जियरा रे झूमे ऐसे
जैसे बनमा नाचे मोर
सावन का महीना
पवन करे सोर
जियरा रे झूमे ऐसे
जैसे बनमा नाचे मोर

WRITERS

ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

PUBLISHERS

Lyrics © Royalty Network

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