माता जिनको याद करे वो लोग निराले होते है
माता जिनका नाम पुकारे किस्मत वाले होते है
हो उंचे पर्वत पे रानी माँ ने दरबार लगाया है
सारे जग में एक ठिकाना सारे गम के मारो का
सारे जग में एक ठिकाना सारे गम के मारो का
हो रस्ता देख रही है माता अपनी आँख के तारों का
रस्ता देख रही है माता अपनी आँख के तारों का
हो मस्त हवाओं का एक झोंका ये संदेशा लाया है
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया हैं
जय माता दी कहते जाओ आने जाने वालों को
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पाँव के छालों को
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पाँव के छालों को
हो जिसने जितना दर्द सहा है उतना चैन भी पाया है
वो रोते रोते आते हैं हँसते हँसते जाते हैं
रोते रोते आते हैं हँसते हँसते जाते हैं
जिसने जो मांगा वो पाया हैं
मैं भी तो एक माँ हुँ माता
मैं भी तो एक माँ हुँ माता
बेटे का दुःख क्या होता है और कोई ये क्या जाने
हो उसका खून मैं देखूँ कैसे जिसको दूध पिलाया हैं
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
हो चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
हो चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
हो चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
WRITERS
Laxmikant-Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA