छोड़ो सनम काहे का गम, हस्ते रहो खिलते रहो
मिट जाएगा सारा गीला, हमसे गले मिलते रहो
छोड़ो सनम आ काहे का गम, हस्ते रहो खिलते रहो
मुस्कुराती हसीन आँखो से, देखो देखो शमा बदलता है कैसे
जाने जहा चेहरे की रंगत, खुल जाती है ऐसे
मुस्कुराती हसीन आँखो से, देखो देखो शमा ब्दलता है कैसे
जानेजहा चेहरे की रंगत, खुल जाती है ऐसे
हाए आए आए या हाए आए आए आए या
ओ मिलकर के यू बहक जाए, के महक जाए आज होंठों की कलिया
झूमे फ़िज़ा, ये गलिया बन जाए फुलो की गलिया
आओ मिलकर के यू बहक जाए, के महक जाए आज होंठों की कलिया
झूमे फ़िज़ा, ये गलिया बन जाए फुलो की गलिया
WRITERS
Majrooh, R D Burman, Ravi Pawar (Remix), MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN, RAVI PAWAR