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Lyrics
जल्दी जल्दी ना खाया कर तू
गले में अटकेगा कहती थी वो
गड़हा नालयक बेसबरा कहके
पीठ को सहलाती रहती थी वो
न भागा ऐसे न स्पीटे
गिर जायेगा तू फिर रोयेगा तू
बहुत में भगा बहुत गिरा में
अब जा के समझा क्या कहती थी वो
जब भी मैं भगा तो डरती थी वो
जब भी गिरा मैं तो रोटी थी वो

वो रोटी रहती थी
घबराती रहती थी
वो डाँतति रहती थी
चिल्लती रहती थी
हो मेरी माई पगली थी
मेरी माई पगली थी
थकान इतनी होती है
की नींद आ ही जाती है
पर सपने में पारियाँ लाती थी
वो लोरी बहुत याद आती थी
भूख अब भी लगती है
भूख अब भी मिटती है
पर जाने क्या मिलती थी
वो रोटी बहुत याद आती है
वो जादुई लोरी
वो जादुई रोटी
वो जादू जानती थी
वो जादू करती थी
हो मेरी माई पगली थी
मेरी माई पगली थी

उसे फ़िकरा थी मेरी
की मैं सीधा हूँ बहुत
उसे फकरा था
की मैं सीधा हूँ बहुत
वो डरती रहती थी
की मेरा क्या होगा
पर यकीन था उसको
की मैं कर लूँगा
वो दुआयों में सच्ची
पर बातों में कच्ची
दुआयं देती थी
बालायें लेती थी
हो मेरी माई पगली थी
मेरी माई पगली थी

बुलन्दियां नाकामियां
में ये बना में वो बना
पर इंसान बनाती थी मुझे
वो डाँट बहुत याद आती थी मुझे
हर मुश्किल में कहती थी
हे रब हे रब को जो देती थी वो धमकी बहुत याद आती हे
वो इबादत में झगड़े खुद करती थी रब से
और मुझको शुक्राने परवाती रहती थी
हो मेरी माई पगली थी
मेरी माई पगली थी
मेरी माई पगली थी
मेरी माई पगली थी

WRITERS

Rajesh Bachchani

PUBLISHERS

Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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