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Lyrics
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

बाहर भी तूफ़ान अन्दर भी तूफ़ान
बीच में दो तूफ़ानों के ये शीशे का मकान
बाहर भी तूफ़ान अन्दर भी तूफ़ान
बीच में दो तूफ़ानों के ये शीशे का मकान
ऐसे दिल धड़कता है
अरे ऐसे दिल धड़कता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

ये दीवानी शाम ये तूफ़ानी शाम
आग बरसती है सावन में पानी का है नाम
ये दीवानी शाम ये तूफ़ानी शाम
आग बरसती है सावन में पानी का है नाम
बस कुछ भी हो सकता है
अरे बस कुछ भी हो सकता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

तौबा हुस्न ए यार बदले रंग हज़ार
शर्म कभी आती है और कभी आता है प्यार
तौबा हुस्न ए यार बदले रंग हज़ार
शर्म कभी आती है और कभी आता है प्यार
देखें कौन ठहरता है
अरे देखें कौन ठहरता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

तुम बैठो उस पार हम बैठें इस पार
आओ अपने बीच बना लें हम कोई दीवार
तुम बैठो उस पार हम बैठें इस पार
आओ अपने बीच बना लें हम कोई दीवार
दिल फिर भी मिल सकता है
हो दिल फिर भी मिल सकता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
आ हां आ हां लाला ला लाला ला
अहम लाला ला

WRITERS

ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN

PUBLISHERS

Lyrics © Royalty Network

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