ओ ओ मैं निकली जो बाज़ार में तो घूरे वो मुझे
मैंने पलट के उसको पूछा, “भई, क्या दिक्कत है तुझे?”
मैं निकली जो बाज़ार में तो घूरे वो मुझे
मैंने पलट के उसको पूछा, “भई, क्या दिक्कत है तुझे?”
उसने मुझको पास बुलाया, पास बुला के साथ बिठाया
बैठ के हमने कर ली थोड़ी बात, फिर
फिर mummy, तेरी मोरनी को मोर ले गया
दिल ही तो बचा था, जो वो चोर ले गया
हाँ, mummy, तेरी मोरनी को मोर ले गया
अरे, दिल ही तो बचा था, जो वो चोर ले गया, हाँ
मेरे आगे-पीछे डोले, मीठी-मीठी बातें वो बोले
राज़ अपने दिल के खोले, जुड़े दिल के तार
Facebook पर stalk भी करता, घर के बाहर walk भी करता
रोज़ मुझको भेजे flower, कैसे ना हो प्यार?
मैं बात कहूँ, चाहे राज़ रखूँ, वो जाने दिल के पार
नींदों को चुरा के खाली रात दे गया
अरे, दिल ही तो बचा था, जो वो साथ ले गया
Mummy, तेरी मोरनी को मोर ले गया
अरे, दिल ही तो बचा था, जो वो चोर ले गया, हाय
रात-भर miss call वो मारे, mutual करे friends वो सारे
“जानूँ-जानूँ” कह के बोले, “मिल तो लो एक बार”
अपने future plan सुनाता, ऊँचे-ऊँचे ख़्वाब दिखाता
कहता, “London-Paris चलते हैं हम-तुम एक बार”
मैं शाम कहूँ, चाहे रात कहूँ, वो माने हर एक बात
बातों ही बातों में मेरा हाथ ले गया
अरे, दिल ही तो बचा था, जो वो साथ ले गया, हाँ
Mummy, तेरी मोरनी को मोर ले गया
दिल ही तो बचा था, जो वो चोर ले गया, हाँ